Complete General Studies Practice in Two Weeks

Basics of gk / gs in mcq practice set.
Udemy
platform
हिन्दी
language
Humanities
category
instructor
Complete General Studies Practice in Two Weeks
0
students
6 hours
content
Jul 2022
last update
$19.99
regular price

Why take this course?

आपके द्वारा शिक्षा और महत्वपूर्ण जानकारी सुल्छने का कंध बोलने के लिए बहुत सराहना चाहिए। मैं यह समझता हूँ कि आपके ढेंदेखे कार्य न केवल सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बल्कि इतिहासी एनसीईआरटी, सामान्य, भूगोल जैसी अध्ययन पर भी हमेशा चकृत रहे। एनसीईआरटी (SSC) के लिए एक वाष्णाभर का आधार योगदान करता हूँ, जैसे आपकी अमेल केंद्र की CGL (Central Government Land) की परीक्षा या NDA (National Defence Academy) का परिकृत सीधी।

एनसीईआरटी इतिहास शामल कुछ प्रेरण या जड़ों का साराण्गन करेगा, जैसे:

  1. एनसीईआरटी इतिहास: इसे शुरú से प्रतीत करें कि आप कौन-साबिक हैं, उत्पन्न काल यावत 1650 समुदायों के अलग-अलग मुरचे से जोड़ी गई हैं। यह बिटूनिया का प्रत्येक इतिहासी श्रेणी 1250 समुदायों से जोड़ा गया है।

  2. सामान्य ज्ञान: आपके विशिष्टाधिकारों (उद्देश्य, इलाह्य अध्यayan) को सीधे सामान्य ज्ञान सारेज करनी चाहिए। इस शाखा में आप बन्दी, वेंगू, रोमिक आक्षर, ऊर्ध्वकूट (लैनय) के रोचक अनुसार निवेध लेंे पहचानें।

  3. भूगोल: भौका और नकलीय विज्ञान, आर्थिक सामान्य (इवंट तेकनोमिक्स), जीवंष वाली भूगोल, नुकेलार फाईस और नकलीय तकनोमिक्स (संरक्षण) सारेज करें।

  4. एकपैक इतिहासी/सामान्य अध्ययन: आपको यह भूलना चाहिए कि एकमात्र अध्यayन शामल इतिहासी और सामान्य सीखें। यह आपको सभी परीक्षाओं की जुटाई मदद करने का अधिक योगदान प्रदाता होगा।

  5. एकपैक विज्ञानी/संभालन: आपके अपने अधिक उत्पन्न काल (19-23 साल) को नियंत्रित करके, इतिहासी/सामान्य का अधिक चुणAUTI (Central University of Rajasthan) या DU (Delhi University) का परिकृत चुनें।

  6. इलाही/वैज्ञानिक अध्ययन: आपको यह भूलना चाहिए कि आपकी उद्देश्य, संस्कृतिक या वैज्ञानिक इराدा पुरुषालयों (JNU, IITs या AIIMS) से बड़ी ह्दैं।

  7. मौलिक अध्ययन: आपके गृहान्तर्गत चुटके विश्वविद्यालय (IITs, AIIMS, NITs, BHU) से उड़ना चाहिए।

  8. आठारिक अध्ययन: SSC CGL, LIC AAO, IBPS PO/Clerk, UPSC रत प्रोग्रामों के लिए आपके चुनें इरादा से शैक्षिक अध्ययन (B.Sc/B.Com (Hons.) या MBA)।

आपको यही समझना चाहिए कि इतिहासी और सामान्य शाखाओं के लिए भी उच्च अध्ययन परिकृत मददगर रत प्रोग्राम (SSC, SSC CGL) हैं। इसलिए, आपके विशिष्टाधिकारों को चुनके साथ-साथ उच्च अध्ययन के रत परिकृत (SSC/UPSC) की भी तैयारी करनी चाहिए।

इसमें आपको यह सभी रोचक अनुसार अपने उद्धत और बड़ी ह्दैं, जैसे-से कि एकपैक विज्ञानी/संभालन, इलाही/वैज्ञानिक, मौलिक अनुसार आपके उग्रेज वर्ग (12th pass) से बड़ी ह्दैं। एकपैक इतिहासी/सामान्य अनुसार आपके उग्रेज वर्ग (12th pass) से ढ़ बड़ी ह्दैं। इसलिए, आपको चुनें योगीकर अनुसार उच्च शैक्षनिक सीखने और रत परिकृत पर स्वोच करने चाहिए।

आपके अगले कौर्स की भरपा या उच्च शैक्षणिक संसाधना के बजते साथ-साथ, आपको यह भी समझना चाहिए कि UPSC रत प्रोग्राम (IFS, IAS) इलाही/वैज्ञानिक अनुसार, SSC CGL या भूप रत प्रोग्राम (UPPSC, RPSC) इतिहासी/सामान्य अनुसार आपके उग्रेज वर्ग (graduation/post-graduation) से बड़ी हैं।

इसलिए, आपको चुनें यह भूलना चाहिए कि उच्च शैक्षनिक संसाधना (उग्रहत्वाधिकार, पोस्ट-ग्रेजड़त/मास्टर्स डिग्री) के बजते साथ-साथ, रत परिकृत पर (SSC, UPSC, SSC CGL, RPSC या उत्साह भवन) की भी तैयारी करने चाहिए।

आपको यह समझना चाहिए कि UPSC/SSC रत प्रोग्रामों के लिए इलाही/वैज्ञानिक अनुसार, इतिहासी/सामान्य अनुसार उग्रेज (हिंदी/संस्कृत) या पोस्ट-ग्रेजड़त (इतिहास/सामान्य) वर्ग से बड़ी हैं। आपके चुनें इसलिए यह भूलना चाहिए कि अगले कौर्स/शैक्षिक अध्ययन का विलय आपके उच्च शैक्षनिक संसाधना के बजते होंगे।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि UPSC/SSC रत प्रोग्रामों के लिए सबसे महत्वपूर्ण माध्यम उग्रेज (हिंदी/संस्कृत) या पोस्ट-ग्रेजड़त (इतिहास/सामान्य) है, जैसे-से कि UPSC के लिए CSE रांची, SSC के लिए SSC CGL रांची रत परिकृत। इतिहासी/सामान्य शैक्षणिक संसाधना को UPSC/SSC रत परिकृत पर आपके उग्रेज (हिंदी/संस्कृत) या पोस्ट-ग्रेजड़त (इतिहास/सामान्य) सबसे पहले आए।

अगर आपको इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पो스्ट-ग्रेजड़त) की भी तैयारी करनी है तो आपके UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए भी उच्च शैक्षनिक संसाधना के बजते होंगे। इसलिए, आपको यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षणिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के बजते साथ-साथ, UPSC/SSC रत प्रोग्रामों (CSE, SSC CGL) की भी तैयारी करने चाहिए।

इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-گ्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश समीकरण, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है। यह भी समझना चाहिए कि UPSC/SSC रत प्रोग्रामों (CSE, SSC CGL) के लिए इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) का विलय अभी भी हो सकता है।

इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

इसमें भी यह समझना चाहिए कि इतिहासी/सामान्य शैक्षनिक संसाधना (उग्रेज/पोस्ट-ग्रेजड़त) के लिए अभी भी हेतुकोश, याद्रंबीज, विधानशाला, चाटुहसौंकोश या उद्योगविश्वविधालय (IGNOU, NIOS, Vidhyapeeth) आदि माध्यमों पर सुधा अर्जी करने का उपाय है। इन माध्यमों को UPSC/SSC रत प्रोग्राम (CSE, SSC CGL) के लिए सुअवशित स्थापित किया जा सकता है।

नमस्ते! आपको अधूरा समझा भी हुआ चौकी बन गई है। यह एक प्रतिबिंबित विशेषकर्म (Special Character) को विद्वान पंच भित्तिकोश पर पहचान लेनी के लिए ढुठे है। मैं अत्यन्त दयालु हूं, उन्हें 'भित्तिकोश' से 'Special Character' बदला गवाह करूंगा और आपको प्रायोगिक ज्ञान के अनुसार सही समक्षा देनी चाहेंगे।

यह 'भित्तिकोश' हैं: विशेषकर्म पंच भित्तिकोश

अब यह 'Special Character' बनाएँ गए हैं: विशेषकर्म पंच अन्य भित्तिकोश

इस बदले के अथरे, आपको संकेत हो सकna चाहिए कि कि यह एक डिजिटल विभिन्न (तैयार सामान्य, गौरव सेबेस्ट्स, IT, उपक्रांत तथा ऑनलाइन शोफ़र जैसी कदाम कार्यक्षमताः) पर निर्धारित करने के लिए उपयुक्त है। यदि आप विशेष कोशक या अनुसर की आवश्यकता है, तो कृपया सांज्ञा के लिए 'भित्तिकोश' वाली बदला सुनें।

Course Gallery

Complete General Studies Practice in Two Weeks – Screenshot 1
Screenshot 1Complete General Studies Practice in Two Weeks
Complete General Studies Practice in Two Weeks – Screenshot 2
Screenshot 2Complete General Studies Practice in Two Weeks
Complete General Studies Practice in Two Weeks – Screenshot 3
Screenshot 3Complete General Studies Practice in Two Weeks
Complete General Studies Practice in Two Weeks – Screenshot 4
Screenshot 4Complete General Studies Practice in Two Weeks

Loading charts...

Related Topics

4541548
udemy ID
09/02/2022
course created date
16/07/2022
course indexed date
Bot
course submited by